बढ़ती जनसंख्या और बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। समय पर नौकरी न मिल पाने की वजह से युवा तमाम विकारों से घिरते नज़र आ रहे हैं। भारत सरकार ने युवाओं की रोज़गार संबंधी समस्याओं को समाप्त करने के लिए स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे पहल को दिशा दी है, जिससे रोज़गार के औसत में इज़ाफ़ा हो सके। पिछले 1 साल में इस दिशा में काफी सुधार भी नज़र आया है।
वर्तमान में इलेक्ट्रिकल वेहिकल ( बैटरी चलित वाहनों) का क्रेज़ बढ़ रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में बैटरी रिक्शे की भारी मांग है। प्रदूषण मुक्त और कम दाम वाले रिक्शे से रोज़गार में भारी इज़ाफ़ा हुआ है। वर्तमान में इस उद्यम के स्कोप को लेकर हमने देश की अग्रणी बैटरी चलित रिक्शा मैन्युफैक्चरिंग कंपनी अल्बेडो विज़न प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक डॉ. प्रज्ञात द्विवेदी से बात की। प्रस्तुत है उनसे हुई लंबी बातचीत के प्रमुख अंश।
बैटरी रिक्शे का क्रेज़ पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ है। क्या मानना है आपका?
जी, बिल्कुल सही कहा आपने। पहली बात तो बैटरी के रिक्शे पूरी तरह प्रदूषण मुक्त हैं। बैटरी से चलने की वजह से शोर नहीं होता है न ही धुआँ निकलता है। इसके अलावा कम पैसे में आपके पास रोज़गार का एक अच्छा जरिया है। आज कोई भी व्यक्ति लगभग एक लाख रूपए के खर्च में रिक्शा ले सकता है। और अगर आप जिस रिक्शे को खरीद रहे हैं, वह ARAI या ICAT से अप्रूव्ड है तो आपको बैंक आसान किश्तों में भी ऋण भी दे रहे हैं। कुल मिलाकर कहें तो यह हर व्यक्ति तक आसानी से पहुँच बना लेती है।
सवारी ढोने वाले रिक्शे के अलावा और किस तरह के रिक्शे उपलब्ध हैं बाजार में?
सवारी ढोने के अलावा लोडर है, जिसका व्यापारी से लेकर किसान सभी उपयोग करते हैं। सामान ढोने के लिए यह बेहद उपयोगी है। इसके अलावा कई तरह की गाड़ियां हैं। स्कूल वैन, कचरा ढोने वाले रिक्शों की भी काफी डिमांड है। और इन सबकी लागत लगभग समान है।
बैटरी रिक्शे का बाजार बिल्कुल नया है, इसलिए लोग इसे खरीदने से हिचकते हैं। आपकी क्या राय है?
ये तो बिल्कुक सही कहा आपने कि इसका मार्केट नया है। लेकिन ऐसा नहीं है कि हम इसपर विश्वास नहीं कर रहे हैं। बाज़ार नया अवश्य है, लेकिन व्यापक भी है। ग्रामीण इलाकों में भी लोगों ने इसे स्वीकारा है। यह आश्चर्य की ही बात है कि शहरों से ज़्यादा लोडर्स की मांग ग्रामीण इलाकों से होती है।
अगर कोई रिक्शे का व्यवसाय करना चाहे, तो किस तरह से जुड़ सकता है?
कई तरीके हैं इस व्यवसाय का हिस्सा बनने के। एक तो आप रिक्शा खरीदकर चला या चलवा सकते हैं। कोई भी व्यक्ति डीलर बन सकता है। डीलर बनने के लिए आपको थोड़ा पैसा खर्च करना पड़ सकता है। क्योंकि कंपनी आपसे डिपाजिट मनी मांगेगी। लेकिन अन्य गाड़ियों की डीलरशिप की तुलना में आपको रिक्शे की डीलरशिप कम पैसे में ही मिल जाएगी। रूरल इलाके में इसकी मांग इसलिए भी ज़्यादा है।
अच्छा, एक बार इसे फुल चार्ज करने के बाद कितने किलोमीटर चलाया जा सकता है?
एक बार अगर आपने गाडी फूल चार्ज कर लिया तो लगभग 100 किलोमीटर आप चला सकते हैं। 20 किमी/घंटा की रफ़्तार से इसे चलाया जा रहा है। आप ध्यान दीजिए, समय के साथ इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ रही है। टूरिस्ट प्लेसेज़ पर आपको काफी बैटरी रिक्शे नज़र आएंगे।