मूवी रिव्यू ,साहब बीबी और गेगस्टर 3 देख कर सर पीटने का मन करता है

फिल्म : साहब बीबी और गैंगस्टर 3

निर्देशक:  तिग्मांशु धूलिया

कलाकार : संजय दत्त, चित्रागंदा सेन ,जिमी शेरगिल, माही गिल  और दीपक तिजोरी

जाॅनर :  संस्पेस एतिहासिक ड्रामा

रेटिंग :  स्टार (1.5/5)

फिल्म समीक्षा  :  आरती सक्सेना , एडिटर अमित बच्चन

जब किसी स्टार से दर्शक बेहद प्यार करते हैं तो समय चाहे जितना हो जाए वो स्टार चाहे कितने ही साल इंडस्ट्री से बाहर हो लेकिन दर्शक उसे परदे पर देखने की चाह रखते हैं । ऐसा ही कुछ संजय दत्त के साथ है जिनके आज भी लाखो फैन हैं जो ना सिर्फ संजय दत्त के जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। बल्कि संजय दत्त के अभिनय मे वापसी का भी इंतजार कर रहे थे। लेकिन संजय दत्त ने अपनी जेल से बाहर आने के बाद पहली रिलीज फिल्म भूमि और उसके बाद अब दुसरी फिल्म साहब बीबी और गैंगस्टर को लेकर जबरदस्त निराश किया है। साहब बीबी और गेैंगस्टर इससे पहले भी देा बार बन चुकी है और ये इस फिल्म का तीसरा पार्ट था जिसके लिये कह सकते है कहां की ईट कंहा का रेाड़ा फिल्म बालो ने जबरन जोड़ा ।

कहानी ——- फिल्म की कहानी राजस्थान की एक पुरानी हवेली से षुरू होती है जंहा पर कई सारे किले हैं जंहा पर कई सारे रजवाडे रहते हे। एक एक किले मे कई सारे किरदार नजर आते है इन किलो मे कुछ राजा है जिनकी बहुत सारी बिबियां और रखेैल हैं जो शराब पीती रहती है आपस मे लड़ती रहती हैं । एक दुसरे के लिये साजिष रचती हैं। ओवर एंड आॅल इंटरवल तब समझ ही नही आता क्या चल रहा हैं  कौन किस की बीबी है और कौन किस की रखैल । क्येाकि बदकिस्मती से महारानी जैसी दिखने वाली बिबियां जो माही गिल निभा रही है वो रखैल की तरह व्यवहार करती हैं। वही दुसरी तरफ संजय दत्त की रखैल जो एक कोठे मे जीवन गुजार रही हैं उसके तेवर रानियो से भी ज्यादा पावर फुल हैं वही दुसरी तरफ संजय दत्त एक गेैंगस्टर हैं जो जंदगी को दांव पर लगाने का गेम खेलते और खिलाते हेेें। बस इसी तरह कहानी आगे बढती हैं जो कोई खास कमाल नही दिखा पाती और आगे भी निराश करती है।

अभिनय ——-अभिनय की अगर बात करे तो संजय दत्त जैसे काबिल एक्टर को इस फिल्म मे करने के लिये कुछ था ही नही । लिहाजा अच्छी एक्टिंग और अच्छी पर्सनेल्टी के बावजूद वो फिल्म मे कुछ खास कमाल नही दिखा पाये । संजय दत्त की प्रेमिका  के रूप मे चित्रांगदा सेन बासी कड़ी मे उबाल टाइप नजर आ रही है। उनकी और संजय दत्त की जोड़ी बिल्कुल हाॅट नजर नही आ रही । वही दुसरी तरफ जिमी शेरगिल और उनकी पत्नी बनी माही गिल हाॅट और खुबसूरत लगे हैं लेकिन वो पूरी फिल्म मे बात बात पर अपना पल्लू सरकाते नजर आई है जिसकी वजह से वो रानी कम रखैल ज्यादा नजर आ रही हैं। पुरानी फिल्म मे से भी किसी को उठाना जरूरी था ।लिहाजा पुरानी साहब बीबी मे से डायरेक्टर ने सोहा अली खान केा उठा लिया । और इस फिल्म मे ठंस दिया । अब उनके करने के लायक तो कुछ था नही ।इस लिये उनके हाथ मे षराब का गिलास पकड़ा दियां और वह बिना बजह दुखी नजर आई हैं। और आखिर मे मारी भी जाती है। दीपक तिजेारी भी इस फिल्म मे काफी अरसे बाद नजर आये उन्होने अपना काम ठीक ठाक किया है। और जिमी शेरगिल भी अपने किरदार मे इंसाफ करते नजर आ रहे है।लेकिन ये सारे स्टार कमजोर कहानी की वजह से कुछ खास कारनामे नही कर पाये। खास तौर पर संजय दत्त के फैन्स तो ये फिल्म देखकर जरूर निराश होगे । क्योकि वो बेचारे तो यही समझ नही पायेगे कि फिल्म मे आखिर चल क्या रहा है।

निर्देशन ——-साहब बीबी का निर्देशन तिग्मांशु धूलिया ने किया है। शुरुआत मे कहानी और निर्देशन देख कर सर पीटने का मन करता है लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म ने थोड़ा ग्रिप पकड़ने की कोशिश की है। लेकिन अंत मे जाकर उसमे भी कुछ नजर नही आता । फिल्म का निर्देशन कहानी और स्क्रीन प्ले की तरह कमजोर है।

संगीत ——- संगीत भी इतना ज्यादा दमदार नही है बस संजू पर फिल्माया गाना आया तेरा बाप … थोडा असरदार लगता है। इसके अलावा इस फिल्म मे लता मंगेशकर के हिट गाने लग जा गले से को भी इस्तेमाल किया गया है। जो सुनने मे अच्छा लगता है।

तीस करोड़ की लागत से बनी साहब बीबी और गैंगस्टर अगर दर्शक देखना चाहते हे तो अपने रिस्क पर देखे वैसे संजय दत्त के फैन ये फिल्म एक बार जरूर देख सकते हैं ।




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