प्रियंका चोपडा ने अपने प्रोडक्शन हाऊस पर्पल पेबल पिक्चर्स के जरीयें पंजाबी फिल्म सरवन का निर्मांण किया हैं। इस शुक्रवार 13 जनवरी को यह फिल्म पंजाब और विदेशों के सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई हैं। फिल्म सरवन और अपने आनेवाले रिजनल प्रोजेक्ट्स को लेकर ग्लोबल आयकन प्रियंका चोपडा ने की यह खास बातचित
आपकी फिल्म सरवन के बारें में बतायें। फिल्म की युएसपी क्या हैं ?
मुझे इस फिल्म की कहानी के बारे में, सबसे पसंद आयीं बात यह थी, की, कहानी अपने मिट्टी से जुडी हुई हैं। यह कहानी आधुनिक होने के बावजुद अपने संस्कार और मुल्यों के बारे में बताती हैं। यह एक पारिवारिक फिल्म हैं। जिसमें सुमधुर संगीत के साथ ही, बेहतरीन कलाकारों का समावेश हैं। हमारे साथ वाशु भगनानी जी ने यह फिल्म निर्माण की हैं। अमरिंदर गिल, सिमी छहल, रणजीत बावा इस फिल्म में हैं। और किसी बडी हिंदी फिल्म की तरह ही ग्रैंड्युर इस फिल्म को मिला हैं। मुझे काफी अरसे से पंजाबी फिल्म बनानी थी। और मुझे खुशी हैं, आज हम एक अच्छी फिल्म दर्शकों को दे पायें हैँ।
आपने क्षेत्रीय भाषिक सिनेमा की और आने के बारे में क्यों सोचा?
मेरे खयाल से क्षेत्रीय सिनेमा में दिलचस्प कहानियाँ, प्रतिभावान कलाकार हैं। अच्छे लेखक, अच्छे निर्देशकों को मंच देने के लिए हमने पर्पल पेबल पिक्चर्स का निर्माण किया। एक भोजपुरी और एक मराठी फिल्म बनाने के बाद अब हम पंजाबी में फिल्म लेकर आयें हैं। हर भाषा में हम फिल्म लेकर आना चाहतें हैं।
यह बात तो सब जानते हैं, की, आपका आपके पिता के साथ काफी करीबी रिश्ता रहा हैं। और उनकी गायी हुई गुरबानी आपकी फिल्म सरवन का हिस्सा हैं। यह यकिनन आपके लिए एक खास बात होंगी।
जी हाँ, बिलकुल। मेरे पिता को गुरबानी गाना बहोत पसंद था। गुरगोविंद सिंग जी का शबद मेरे पिता का पसंदिदा था। उन्होंने यह शबद रेकोर्ड तो करके रखा। लेकिन वह रिलीज करने से पहले वह बिमार हो गयें। और हम वह रिलीज नही कर पायें। और जब हमने यह फिल्म बनाने के बारें में सोचा, तो हमने फिल्म की शुरूआत ही, उनके गायें, इस शबद से करने के बारे में सोचा।
किस तरह की फिल्में आप अपनें प्रोडक्शन हाऊस के तले बनाना चाहेंगीं?
जिस तरह की फिल्में मैं खुद देखना चाहुँगी, या मैं, मेरे परिवारिक के साथ बैठकर देख सकती हुँ। फिल्में बनाने का कोई मानदंड हमने तय नहीं किया हैं। कॉमेडी, ड्रामा, सिरीयस, हर शैली की फिल्में हम बनाना चाहतें हैं। बस कहानी दिलचस्प होनी चाहियें।